तुझे जितना भुलाता हूँ, तू उतना याद आती है,
तेरी यादों को लेकर मैं , चला एक रोज़ महखाना .
मैं पंछी हूँ, परिंदा हूँ, पर ये ना सोच लेना तुम ,
कि मौसम के बदलते ही मुझे एक रोज़ उड़ जाना ,
तेरी यादों को लेकर मैं .............
ज़िन्दगी साथ जीने के वादों का क्या सिला होगा ?
जो तुमसे दूर होकर के मुझे एक रोज़ मार जाना .
तेरी यादों को लेकर मैं .............
जो वो मुझको समझती है कोई जुगनू पतंगा ,
वो क्या जाने की चौखट का दिया है एक अफसाना .
तेरी यादों को लेकर मैं .............
तेरी राहों को यूँ तकते मेरी सारी उम्र ढल गई ,
ना यूँ खामोश रहकर के मुझे अब और तडपना .
तेरी यादों को लेकर मैं .............
तेरी यादों को लेकर मैं , चला एक रोज़ महखाना .
मैं पंछी हूँ, परिंदा हूँ, पर ये ना सोच लेना तुम ,
कि मौसम के बदलते ही मुझे एक रोज़ उड़ जाना ,
तेरी यादों को लेकर मैं .............
ज़िन्दगी साथ जीने के वादों का क्या सिला होगा ?
जो तुमसे दूर होकर के मुझे एक रोज़ मार जाना .
तेरी यादों को लेकर मैं .............
जो वो मुझको समझती है कोई जुगनू पतंगा ,
वो क्या जाने की चौखट का दिया है एक अफसाना .
तेरी यादों को लेकर मैं .............
तेरी राहों को यूँ तकते मेरी सारी उम्र ढल गई ,
ना यूँ खामोश रहकर के मुझे अब और तडपना .
तेरी यादों को लेकर मैं .............
No comments:
Post a Comment